हर्निया होने के कई कारण होते हैं, जिनमें जेनेटिक कारक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब किसी कारणवश आंतरिक अंग कमजोर मांसपेशी से बाहर निकलने लगते हैं, तो इसे हर्निया कहा जाता है। इस स्थिति में प्रभावित क्षेत्र में उभार नजर आता है और यह दर्द भी दे सकता है।

वैसे तो हर्निया के कई प्रकार होते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मामले वंक्षण हर्निया (inguinal hernia) के होते हैं। इस स्थिति में आंत, पेट की कमजोर मांसपेशी के छेद से बाहर निकल आती है। इसका एकमात्र प्रभावी इलाज सर्जरी है। यह पुरुष और महिला दोनों में हो सकता है।
हर्निया के इलाज के लिए सर्जरी के प्रकार
हर्निया के इलाज के लिए मुख्य रूप से दो प्रकार की सर्जरी उपलब्ध हैं:
- ओपन सर्जरी – इसमें प्रभावित क्षेत्र को खोलकर हर्निया को ठीक किया जाता है।
- लेप्रोस्कोपिक सर्जरी – इसमें छोटे छेदों के माध्यम से कैमरा और सर्जिकल उपकरणों की सहायता से हर्निया की मरम्मत की जाती है। यह ओपन सर्जरी की तुलना में अधिक प्रभावी और कम दर्दनाक होती है।
हर्निया ऑपरेशन के बाद बरतें ये 10 सावधानियां
हर्निया सर्जरी के बाद एनेस्थीसिया का असर कुछ समय तक बना रहता है। ऑपरेशन के बाद कमजोरी और चक्कर आ सकते हैं। सर्जरी के तुरंत बाद मरीज को अस्पताल में कुछ घंटे रखा जाता है, ताकि वह पूरी तरह होश में आ सके। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद तेजी से रिकवरी के लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी आवश्यक हैं।
1. घाव को साफ रखें
- घाव की पट्टी को समय-समय पर बदलें।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीके से घाव को साफ करें।
- कुछ दिनों तक घाव को गीला करने से बचें, इससे संक्रमण हो सकता है।
- खुजली होने पर डॉक्टर की सलाह से मरहम का उपयोग करें।
2. अधिक भोजन न करें
- हल्का और फाइबर युक्त आहार लें।
- कब्ज से बचने के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन करें।
- दिन में 4-5 बार थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं।
- जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से लैक्सेटिव लें।
3. बहुत देर तक एक ही जगह न बैठें
- अधिक देर तक एक ही पोजीशन में बैठने से दर्द हो सकता है।
- रोजाना हल्की वॉक करें, इससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है।
- सोते समय धीरे-धीरे करवट बदलें, अचानक करवट बदलने से दर्द बढ़ सकता है।
4. स्नान न करें
- सर्जरी के बाद 2 दिनों तक नहाने से बचें।
- घाव में पानी जाने से संक्रमण हो सकता है।
- डॉक्टर से पूछकर स्नान का सही समय निर्धारित करें।
5. समय पर दवा लें
- डॉक्टर द्वारा दी गई सभी दवाएं नियमित रूप से लें।
- अगर कोई साइड इफेक्ट दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- दवाइयों की अनदेखी करने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
6. सिगरेट और शराब से बचें
- सर्जरी के बाद शराब और सिगरेट का सेवन न करें।
- इससे दवाओं का असर कम हो सकता है और रिकवरी धीमी हो सकती है।
- धूम्रपान करने से खांसी बढ़ सकती है, जिससे घाव पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
7. कड़े व्यायाम न करें
- सर्जरी के बाद कुछ समय तक सीढ़ियां चढ़ने, दौड़ने और भारी वजन उठाने से बचें।
- स्ट्रेचिंग और जिम की एक्सरसाइज कम से कम 1 महीने तक टालें।
- डॉक्टर से पूछकर धीरे-धीरे व्यायाम शुरू करें।
8. टाइट कपड़े न पहनें
- ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें, ताकि घाव पर दबाव न पड़े।
- टाइट कपड़े घाव को दबा सकते हैं, जिससे सूजन और ब्लीडिंग हो सकती है।
- सही कपड़ों का चयन घाव के जल्दी सूखने में मदद करता है।
9. ब्लीडिंग को हल्के में न लें
- यदि सर्जरी के बाद प्रभावित क्षेत्र से खून निकलता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- ब्लीडिंग का कारण घाव पर अत्यधिक दबाव पड़ना हो सकता है।
- समय पर इलाज नहीं कराने से दोबारा अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है।
10. खांसी और छींक का ध्यान रखें
- खांसी और छींकने से बचें, क्योंकि इससे घाव पर जोर पड़ सकता है।
- अगर खांसी हो रही है तो डॉक्टर की सलाह लेकर उचित दवा लें।
- खांसते समय पेट को सपोर्ट दें, जिससे घाव पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
निष्कर्ष
अगर हर्निया ऑपरेशन के बाद ऊपर बताई गई सावधानियों का पालन किया जाए, तो रिकवरी तेजी से होती है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करवाने से जटिलताएं कम होती हैं और सर्जरी के बाद जल्दी आराम मिलता है।
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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। यदि आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें और उनके सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें।