
हर्निया तब होता है जब शरीर के अंदर का कोई अंग या ऊतक कमजोर मांसपेशी या टिशू की दीवार से बाहर निकलने लगता है। यह आमतौर पर पेट और कमर के आसपास होता है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है।
यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन यह अधिकतर पुरुषों में पाई जाती है। यदि समय रहते इलाज न कराया जाए तो हर्निया बढ़ सकता है और जटिलताएं उत्पन्न कर सकता है।
हर्निया के प्रकार
हर्निया कई प्रकार के होते हैं, जिनमें सबसे सामान्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
1. इनगुइनल हर्निया (Inguinal Hernia)
यह सबसे आम प्रकार का हर्निया है, जो पुरुषों में अधिक देखा जाता है। इसमें आंत या फैटी टिशू पेट की मांसपेशियों की कमजोर दीवार से बाहर निकलने लगते हैं।
2. हाइटल हर्निया (Hiatal Hernia)
इस प्रकार के हर्निया में पेट का ऊपरी हिस्सा डायाफ्राम (फेफड़ों और पेट को अलग करने वाली मांसपेशी) के माध्यम से छाती की ओर बढ़ जाता है। इससे गैस्ट्रिक समस्या और एसिड रिफ्लक्स जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
3. फेमोरल हर्निया (Femoral Hernia)
यह हर्निया महिलाओं में अधिक देखा जाता है और आमतौर पर जांघ के ऊपरी हिस्से के पास होता है। इसमें आंत का हिस्सा कमजोर मांसपेशियों के जरिये बाहर आ जाता है।
4. अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical Hernia)
यह हर्निया नवजात शिशुओं में आमतौर पर देखा जाता है, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकता है। इसमें नाभि के आसपास हर्निया की सूजन होती है।
5. इंसिजनल हर्निया (Incisional Hernia)
यदि किसी व्यक्ति की पहले पेट की सर्जरी हो चुकी है और सर्जरी के बाद का टिशू कमजोर हो गया है, तो वहां हर्निया हो सकता है। यह आमतौर पर उन लोगों में होता है जिन्होंने पेट की सर्जरी करवाई हो।
हर्निया के कारण
हर्निया होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- मांसपेशियों की कमजोरी: जन्मजात कमजोरी या उम्र बढ़ने के कारण मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।
- भारी वजन उठाना: अधिक वजन उठाने से पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिससे हर्निया हो सकता है।
- कब्ज और खांसी: पुरानी कब्ज या लगातार खांसी होने से पेट की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
- मोटापा: अधिक वजन के कारण पेट की मांसपेशियों पर तनाव बढ़ता है।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान पेट के अंदर दबाव बढ़ने से हर्निया की संभावना बढ़ जाती है।
- पिछली सर्जरी: पेट की किसी भी सर्जरी के बाद मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे इंसिजनल हर्निया हो सकता है।

हर्निया के लक्षण
हर्निया के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते हैं और इनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
- सूजन या उभार: प्रभावित क्षेत्र में गांठ या उभार दिखाई दे सकता है, जो खड़े होने या खांसने पर अधिक दिखता है।
- दर्द या असहजता: खासकर जब आप खड़े होते हैं, झुकते हैं, या भारी सामान उठाते हैं।
- जलन या भारीपन महसूस होना: खासकर पेट और जांघों के आसपास।
- पाचन समस्याएं: हाइटल हर्निया के मामलों में एसिडिटी, अपच, और सीने में जलन हो सकती है।
- कमजोरी या दबाव महसूस होना: प्रभावित हिस्से में कमजोरी या भारीपन का एहसास हो सकता है।
हर्निया की जांच कैसे की जाती है?
यदि आपको हर्निया के लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर निम्नलिखित तरीकों से जांच कर सकते हैं:
- शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर सूजन या उभार की जांच करते हैं और इसे छूकर देखते हैं।
- अल्ट्रासाउंड: पेट के अंदर की संरचना को देखने के लिए किया जाता है।
- सीटी स्कैन (CT Scan): यह अधिक सटीक चित्र प्रदान करता है और हर्निया के आकार व स्थिति को दिखाता है।
- एमआरआई (MRI): यह अधिक जटिल मामलों में किया जाता है, खासकर यदि अन्य स्कैन से स्पष्ट जानकारी न मिले।
- एंडोस्कोपी: हाइटल हर्निया के मामलों में एंडोस्कोप का उपयोग करके आंतरिक अंगों की जांच की जाती है।
हर्निया का इलाज कैसे किया जाता है?
हर्निया का उपचार उसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में जीवनशैली में बदलाव से सुधार किया जा सकता है, जबकि गंभीर मामलों में सर्जरी आवश्यक होती है।
1. लाइफस्टाइल में बदलाव
- कब्ज और खांसी से बचाव के लिए अधिक फाइबर युक्त आहार लें।
- भारी वजन उठाने से बचें।
- वजन नियंत्रित रखें।
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- पेट पर दबाव डालने वाले कार्यों से बचें।
2. दवाइयां
- हाइटल हर्निया में एसिडिटी और गैस्ट्रिक समस्याओं के लिए दवाइयां दी जाती हैं।
- दर्द निवारक दवाएं भी ली जा सकती हैं।
3. सर्जरी (Hernia Surgery)
यदि हर्निया बड़ा हो जाता है या दर्दनाक हो जाता है, तो सर्जरी की आवश्यकता होती है।
i. ओपन सर्जरी (Open Surgery)
- इसमें डॉक्टर हर्निया वाले हिस्से को एक चीरा लगाकर अंदर धकेलते हैं और उसे सिलाई या जाली (mesh) से मजबूत करते हैं।
ii. लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery)
- इसमें छोटे-छोटे चीरे लगाए जाते हैं और एक कैमरा व उपकरणों की मदद से हर्निया को ठीक किया जाता है।
- यह जल्दी रिकवरी देता है और कम दर्दनाक होता है।
हर्निया से बचाव कैसे करें?
हालांकि हर्निया को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ उपाय अपनाकर इसकी संभावना को कम किया जा सकता है:
- नियमित रूप से व्यायाम करें, खासकर पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए।
- भारी वजन उठाने से बचें और यदि उठाना जरूरी हो तो सही तकनीक अपनाएं।
- संतुलित आहार लें जिससे कब्ज और गैस की समस्या न हो।
- मोटापा नियंत्रित करें, क्योंकि अधिक वजन पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालता है।
- धूम्रपान छोड़ें, क्योंकि यह खांसी और पेट की समस्याओं को बढ़ाता है।
निष्कर्ष
हर्निया एक आम समस्या है जो किसी को भी हो सकती है। हालांकि यह शुरुआत में ज्यादा तकलीफदेह नहीं लगता, लेकिन इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यदि समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो यह बढ़ सकता है और गंभीर जटिलताएं उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, यदि आपको कोई लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
हर्निया का एकमात्र स्थायी इलाज सर्जरी है, लेकिन सही जीवनशैली अपनाकर आप इसकी संभावना को कम कर सकते हैं।